कर्नाटक में गठबंधन सरकार का संकट और गहरा गया है. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 13 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है, जिससे राज्य में 13 माह पुरानी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस अपने विधायकों के साथ एक अनौपचारिक बैठक कर रही है, तो वहीं जेडीएस ने विधायी दल की बैठक बुलाई है.
दोनों दलों के साथ-साथ गठबंधन सरकार को खतरा ये है कि अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है, तो गठबंधन विधानसभा में बहुमत खो देगा और संख्या घट कर 104 हो जाएगी, जबकि भाजपा के 105 विधायक हैं. ऐसे में राज्य में राजनीतिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. 225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में मौजूदा सरकार को एक निर्दलीय सहित 117 सदस्यों का समर्थन हासिल है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक में चल रहे घटनाक्राम के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह सब जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा और उनके परिवार को सत्ता से बाहर करने की कांग्रेस की साजिश है.
उधर जेडीएस ने अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है और दावा किया है कि हम भी अपने सभी विधायकों के साथ मसले को सुलझा लेंगे. वहीं कांग्रेस के संकटमोचक कह जाने वाले डीके शिवकुमार का कहना है कि जल्द ही मामला शांत हो जाएगा. जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा से उनके आवास पर मुलाक़ात करने के बाद उन्होंने यह बात कही.
इससे पहले कर्नाटक की हलचल पर भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि कांग्रेस विधायकों का पार्टी के नेतृत्व से मोहभंग हो गया है. उन्होंने उन सभी आशंकाओं को ख़ारिज किया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि भाजपा इस पूरे घटनाक्रम के पीछे है. जीवीएल ने कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को संभाल पाने में नाकाम है और वो भाजपा पर इल्जाम लगा रही है.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन ख़बरों के बीच कहा कि पार्टी के सभी विधायकों से उनका संपर्क बना हुआ है और वे सभी पार्टी के प्रति समर्पित हैं.
