राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के लिए आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के जिन 13 बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है, उस पर विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश आज कोई फैसला कर सकते हैं
कर्नाटक में सियासी तस्वीर पल पल बदल रही है। राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के लिए आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के जिन 13 बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है, उस पर विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश आज कोई फैसला कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य की गठबंधन सरकार को कल एक और बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब एक और निर्दलीय विधायक शंकर ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष पर हैं। बागी विधायकों में से कांग्रेस के 11 और तीन जनता दल सेक्युलर के हैं और उन्होंने अपने इस्तीफे वापस लेने की किसी संभावना से इनकार कर दिया है। हालात की नज़ाकत को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। पार्टी के सभी विधायकों को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि बैठक में उपस्थित न होने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक संकट पर बातचीत के लिए जनता दल सेक्युलर की भी बैठक हो सकती है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि राज्य के मौजूदा राजनीतिक संकट से उसका कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.एस. येडियुरप्पा ने कहा कि वे राज्यपाल से मिलने नहीं जा रहे और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार करेंगे।
कर्नाटक में दो दिन से जारी सियासी नाटक सोमवार को भी जारी रहा । एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से संकट में फंसी कर्नाटक की 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने की एक ओर सत्तारुढ खेमे में जहां इस्तीफों का दौर जारी रहा तो दूसरी ओर बीजेपी पूरे मसले पर नजर बनाए हुए है ।
सुबह सबसे पहले उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर कांग्रेस मंत्रियों की बैठक हुई । बैठक में सरकार में शामिल 21 कांग्रेसी मंत्रियों ने इस्तीफा देने का फैसला किया । कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल के साथ हुई इस बैठक में तय किया गया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का रास्ता साफ करने के लिए पार्टी के मंत्री स्वेच्छा से इस्तीफा दें
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत की।बाद में जेडीएस के सभी नौ मंत्रियों ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए अपने इस्तीफे सौंप दिये। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है ।
सत्तारुढ खेमा सरकार बचाने में लगा रहा लेकिन उसे एक बडा झटका उस समय लगा जब कर्नाटक के मंत्री और निर्दलीय विधायक एच नागेश ने इस्तीफा दिया और एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पहले से ही डावांडोल सरकार के लिए यह एक दूसरा झटका था । हाल ही में लघु उद्योग मंत्री के तौर पर मंत्रालय में शामिल किए गए नागेश ने राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और त्यागपत्र सौंपा। उन्होंने राज्यपाल की ओर से बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की सूरत में उसे समर्थन देने का भी एलान किया । इससे पहले कांग्रेस जेडीएस के 13 विधायकों ने इस्तीफा दिया है । असंतुष्ट विधायक मुम्बई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। कांग्रेस अपने विधायकों को मनाने में लगी है लेकिन मामला बनता नहीं दिख रहा है । हालांकि कांग्रेस अब अनुशासनहीनता के नाम पर कार्रवाई की चेतावनी भी दे रही है ।
राज्य का ये संकट सत्तारूढ़ गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफों के बाद शुरू हुआ. अगर ये सभी इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं कि गठबंधन सरकार का गिरना लगभग तय है. गौरतलब है कि जेडीएस कांग्रेस की गठबंधन सरकार के विधानसभा में कुल 118 विधायक हैं, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं. 118 विधायकों में से अध्यक्ष के अलावा 78 कांग्रेस के, 37 जेडीएस के, बसपा का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं. कुल 14 गठबंधन के विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन कम होने से सरकार के पास संख्या बल 102 का रह जाएगा और बीजेपी के पास 105 विधायक होंगे. एक निर्दलीय को मिलाकर उसे 106 का समर्थन हासिल हो जाएगा.
