सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार कांड से संबंधित सारे पांच मुकदमे दिल्ली की अदालत में ट्रांसफऱ करने का आदेश दिया है। साथ ही बलात्कार से संबंधित मुख्य मुकदमे की सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश भी दिया। वहीं पीड़िता को अंतरिम मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया।
उन्नाव बलात्कार पीडिता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त रूख अपनाया है और मामले की जांच 45 दिन में करने का आदेश दिया है तो यूपी सरकार को पीडिता को तुरंत 25 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है… सुप्रीम कोर्ट ने पीडिता के सभी मामलो को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है जिसकी रोज़ सुनवाई होगी। इसबीच पीडिता और उसके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है, जिन्हे इलाज के लिये दिल्ली लाया जा सकता है।
उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ कथित सड़क दुर्घटना के षडयंत्र की जांच जहां एक ओर सीबीआई ने शुरू कर दी है वहीं गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने भी उन्नाव कांड के सिलसिले में महत्वपूर्ण निर्देश दिये, सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता से जुड़े सभी पांच मामलों को उत्तरप्रदेश की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानान्तरित करने को कहा, साथ ही मामले की सुनवाई दिन प्रतिदिन के हिसाब से करने और 45 दिन में पूरी करने को कहा। अदालत ने पीड़िता और उसके परिवार के साथ हुए सड़क हादसे की जांच सीबीआई से सात दिन में पूरी करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि एजेंसी अपरिहार्य परिस्तिथि में ही समय सीमा को बढ़ाने की मांग कर सकती है। वहीं एक और महत्वपूर्ण निर्देश में कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को बलात्कार पीड़िता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा तुरंत देने को कहा।
महत्वपूर्ण निर्देश देने से पहले उच्चतम न्यायालय ने एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी से केस की प्रगति रिपोर्ट मांगी। जिस पर अधिकारियों के लखनऊ में होने का हवाला देते हुए सॉलिसिटर जनरल ने शुक्रवार तक का समय मांगा, हालांकि कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सीबीआई के संयुक्त निदेशक संपत मीना ने ने कोर्ट पहुंचकर केस की प्रगति रिपोर्ट अदालत को सौंपी। स़लीसिटर जनरल ने अदालत में एफआईआर की जानकारी दी और बताया कि चार्जशीट अभी तैयार हो रही है, उन्होंने ये भी बताया कि पीड़िता के पिता जिनको आर्मस एक्ट के एक मामले में जेल भेजा गया था, साथी कैदी द्वारा पीटने से उनकी पहले ही मौत हो चुकी है। सीबीआई की तरफ से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक महीने का समय जांच के लिए मांगा लेकिन मुख्य न्यायाधीष ने 7 दिन में जांच पूरी करने को कहा।
इस सबके बीच यूपी के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना में सुरक्षा की खामी पर जांच हो रही है, 3 सुरक्षा अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है।
वहीं सीबाआई के दल ने KGMU हॉस्पिटल का दौरा कर दुर्घटना में घायल पीड़िता और उसके वकील के स्वास्थ्य की जानकारी ली, अस्पताल के मीडिया अधिकारी ने बताया कि दोनों के वेंटिलेटर को कुछ समय के लिए सफलतापूर्वक हटाया गया।
यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी KGMU का दौरा किया, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पीड़िता के साथ खड़ी है।
बीजेपी ने भी इस मामले पर कड़ा कदम उठाया है, देश भर में गुस्से के बाद पार्टी ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया है, सेंगर पर पीड़िता से रेप और उसके परिवार के दो सदस्यों की हत्या का आरोप है, सेंगर फिलहाल जेल में है।
इस मामले में शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत डॉक्टरों से सलाह मशविरे के बाद इस बात पर फैसला करेगी कि क्या KGMU में भर्ती घायल पीड़िता और उसके वकील को भी दिल्ली के अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए या नहीं।
