अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है। इसके मद्देनजर राज्यों को गृह मंत्रालय ने एडवायजरी जारी की है। फैसले से पहले उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। साथ ही अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवानों को यूपी भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में धारा-144 लागू है। इस बीच समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की अपील की है।
अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों में खास तैयारियां की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भूमि विवाद पर फैसले के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकस रहने को कहा है साथ ही अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवानों को यूपी भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में धारा-144 लागू है। प्रदेश के एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडे ने अयोध्या पहुंचकर कमान संभाल ली है। जिले की सुरक्षा में सिविल पुलिस के साथ पीएसी आरआरएफ़ को लगाया गया है। इसके साथ ही एटीएस भी अयोध्या पर नजर रख रही है। खुफिया एजेंसी को सतर्क रखा गया है। ड्रोन कैमरे की नजर में अयोध्या की निगरानी की जाएगी। अयोध्या की सभी इंट्री पॉइंट पर बैरियर लगाकर चेकिंग की जाएगी।
भारी संख्या में पीएसी के जवान अयोध्या पहुंच चुके हैं। इस बीच सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी अयोध्या पूरी तरह से शांत है। कार्तिक पूर्णिमा मेले का दूसरा चरण पंच कोसी परिक्रमा कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को शुरू हो गई। परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धा, भक्ति और आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। हर वर्ष कार्तिक मेले के मौके पर चौदह कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक पूर्णिमा स्नान होता है।
तमाम जिलों के प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर ध्यान न देने और किसी भी भड़काऊ मैसेज को आगे फारवर्ड न करने की अपील की है। इस बीच समाज के अलग अलग वर्गों की ओर से फैसले के बाद सामाजिक सदभाव और शान्ति बनाये रखने की लगातार अपील की जा रही है।
माना जा रहा है कि इस बेहद संवेदनशील मामले में 17 सुप्रीम कोर्ट नवंबर से पहले फैसला सुना सकता है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई उसी दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह भूमि विवाद मामले में संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे हैं।
