वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमसी बैंक के नाराज उपभोक्ताओं से मुलाकात कर मामले को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर से बात करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव भी किया जा सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुंबई के भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता थी लेकिन इससे पहले उन्होंने पीएमसी बैंक धांधली के पीड़ित ग्रहकों से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को जनाने की कोशिश की। उन्होंने पीएमसी ग्रहकों और जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि इससे सरकार का कुछ लेना देना नहीं हैं लेकिन वो आरबीआई के गवर्नर से बात करेंगी। और भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए ज़रूत पड़ी तो कानून में बदलाव किया जाएगा।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक यानी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मंत्री निर्मला सीतरमण का बड़ा बयान आया। मुंबई में पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं मिलने और उनकी परेशानियों को सुनने के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि इस बैंक घोटाले से सरकार का सीधे तौर पर कुछ लेना देना नहीं है। दरअसल इस पूर मामले को रिज़र्व बैंक देख रहा है। उन्होंने पीएमसी बैंक के उपभोक्ताओं भरोसा दिलाया है कि उनकी परेशानियों के देखते हुए वो रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करेंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं में रिजर्व बैंक द्वारा बैंक से एक दिन में निकासी रकम की सीमा 25,000 रूपए करने को लेकर नाराजगी है। उन्होंने कहा कि एक दिन की बैंकों से निकासी रकम अब भी काफी कम है। वित्त मंत्री ने बैंक के ग्राहकों के लिए वाजिब कदम उठाए जाने को लेकर भरोसा दिलाया और साथ ही कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव पर विचार भी किया जाएगा। उन्होंने इन अधिनियमों को संसद के अगले सत्र में सदन में पेश करने की भी बात कही।
दरअसल पीएमसी बैंक धांधली की बात सामने आने बाद से ही इससे जुड़े ग्रहक और जमाकर्ता अपने खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। पीएमसी बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक के अंतर्गत काम कर रहा है। बैंक में कई हजार करोड़ रुपये के घपले की आशंका जताई जा रही है। आरबीआई ने बैंक के कामकाज पर रोक लगा दी और अगेल 6 महीने तक लोन न जारी करने का निर्देश दिया। इस अलावा प्रतिबंध के दौरान बैंक से पैसा निकासी की भी सीमा तय कर दी। हालांकि ग्रहकों की परेशनियों देखते हुए इसे कई बार बढ़ाया गया। अब ग्रहक 25,000 रुपये निकाल सकता है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अलग से जांच शुरू की और एचडीआईएल के शीर्ष अधिकारियों की विभिन्न चल संपत्तियों को जब्त करने के अलावा मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की। मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।