प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आने वाले दौर के तीन महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं-नवाचार, प्रौद्योगिकी और टीम वर्क। आज चेन्नई में आईआईटी मद्रास के दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनना चाहता है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आईआईटी के विद्यार्थियों और युवाओं का योगदान विशेष महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमने अनुसंधान और विकास के लिए मजबूत प्रणाली बनाने का काम किया है और आईआईटी मद्रास ने दो सौ स्टार्टअप स्थापित किये हैं, जो गर्व की बात है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत में स्टार्टअप के लिए दुनिया का सबसे अच्छा परिवेश है। उन्होंने बताया कि देश में अनेक स्थानों पर अटल टिंकरिंग सैन्टर शुरू किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें विभिन्न चरणों में बांट लें और सपने देखकर खुद से स्पर्धा बनाए रखें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें मातृभूमि की आवश्यकताओं को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत की सेवा भी बहुत बड़ा कार्य है।
प्रधानमंत्री ने आज आईआईटी मद्रास के 56वें दीक्षान्त समारोह में टॉपर्स को प्रमाणपत्र और पदक प्रदान किये।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने आईआईटी मद्रास में दूसरे भारत-सिंगापुर हैकथॉन के पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हैकेथॉन से विद्यार्थियों को वैश्विक समस्याओं के समाधान और नवाचार से जुड़े विचारों का पता चलता है। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आसियान देशों के श्रेष्ठ विद्यार्थियों से स्पर्धा में आगे बढ़ने और नवाचार समाधान खोजने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंगापुर में पिछले वर्ष की हैकेथॉन में प्रतिस्पर्धा पर जोर था और इस बार दोनों देशों के विद्यार्थी समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि हम स्पर्धा से सहयोग की ओर बढ़ रहे हैं।
श्री मोदी ने 36 घंटे बिना रूके तेज गति से हैकेथॉन में हिस्सा लेने वाले आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों को बधाई दी। ये हैकेथॉन तीन प्रमुख विषयों- अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण, बेहतर शिक्षा और किफायती तथा साफ ऊर्जा पर आयोजित किया गया है।
