लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 6 अल्पसंख्यक समुदायों को मिल सकेगी भारत में नागरिकता. गृहमंत्री ने कहा ,देश के किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं, सरकार सभी को सुरक्षा और समान अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध.
नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद से हरी झंडी मिल गयी है । राज्यसभा ने आज इस विधेयक को हरी झंडी दी जबकि लोकसभा पहले ही इसे पास कर चुकी है । बिल को 105 के मुकाबले 125 मतों से मंजूरी मिली। नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में भारी बहुमत से पास कराने के बाद बुधवार दोपहर 12 बजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के उच्च सदन में विधेयक पेश किया। विधेयक पेश किए जाने से पहले टीएमसी के शुखेंदु शेखर राय ने इस पर आपत्ति जाहिर की लेकिन सभापति वेंकैया नायडू ने उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया । विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने सदन को बताया कि इसका मकसद क्या है और कैसे ये करोड़ों लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करेगा।
विधेयक पर विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत के अल्पसंख्यकों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है और मोदी सरकार में वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अमित शाह ने विधेयक पर पूर्वोत्तर के लोगों की चिंताओं को भी दूर करने की कोशिश की। अमित शाह के बयान के बाद सदन में विधेयक पर चर्चा शुरु हुई । कांग्रेस समेत कुछ सदस्यों ने जहां विधेयक का विरोध किया तो बीजेपी और एनडीए के बाकी सहयोगियों ने इसका जोरदार समर्थन किया। पूर्वोत्तर के सांसदों ने भी विधेयक का जोरदार समर्थन किया। चर्चा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया और कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यकों को डरा रहा है जबकि मोदी सरकार में वो पूरी तरह सुरक्षित हैं।
गौरतलब कि नागरिकता कानून में बदलाव के लिए लाए गए इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह अल्पसंख्य़क समुदाय के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। लोकसभा से पारित हो चुके विधेयक के उच्च सदन से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी और फिर ये कानून अमल में आ जाएगा।
