देश में कोरोना वायरस से संक्रमित 48 हजार पांच सौ 34 लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही देश में कोविड-19 से ठीक होने की दर 41 प्रतिशत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान तीन हजार दो सौ 34 लोग कोविड संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। कोरोना से होने वाली मृत्यु दर घटकर तीन दशमलव शून्य दो प्रतिशत रह गई है। मंत्रालय ने बताया है कि केन्द्र सरकार राज्यों के सहयोग से संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिलों पर विशेष ध्यान दे रही है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी के पॉल ने बताया कि आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक एक करोड़ लोगों का इलाज किया जा चुका है जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अभी तक 14 हजार स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र बनाए जा चुके हैं। डॉक्टर पॉल ने कहा कि समय रहते लॉकडाउन करने का फैसला काफी फायदेमंद रहा इससे देश में कोरोना संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दोगुना होने की दर पहले जहां तीन दशमलव चार दिन थी वहीं अब यह 13 दशमलव तीन दिन हो गई है।
पॉल ने कहा कि कोरोना के सक्रिय मामले अब कुछ राज्यों, शहरों और जिलों तक सीमित रह गए हैं। 80 प्रतिशत ऐसे मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली और मध्य प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए देश में विशेष स्वास्थ्य अवसंरचना विकसित की गई है, जांच क्षमता बढ़ाई गई है और स्वास्थ्य कर्मियों में कोरोना से निपटने का अच्छा अनुभव होने के साथ ही अत्मविश्वास भी बना है। श्री पॉल ने कहा कि देश में दस करोड़ लोग आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं तथा टेली मेडिसिन सेवा का भी विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य कोरोना से लोगों की जान बचाना है।
सरकार का कहना है कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय तथा भारतीय सांख्यिकी संस्थान की ओर से कराए गए अध्ययन में पता चला है कि लॉकडाउन के कारण देश में जहां बीस लाख लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया सका और वहीं 54 हजार लोगों की जान बचाई गई।
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