सरकार ने विरोध के मद्देनजर आज राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया।
इसने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने का भी प्रस्ताव पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का प्रस्ताव रखा और प्रस्ताव को सदन में भेजा।
इससे पहले, विपक्षी नेता गुलाम नबी आज़ाद ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने का आह्वान किया। श्री आज़ाद ने कहा कि कर्फ्यू लगा दिया गया था और प्रमुख नेताओं को बंदी बनाकर रखा गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। कांग्रेस, वाम, टीएमसी, सपा, पीडीपी और कुछ अन्य दलों के गृह मंत्री सांसदों ने इस बिल के खिलाफ नारे लगाए। कुछ सदस्य घर के कुएं पर पहुंचे और अपना विरोध जारी रखा।
गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने को सही ठहराया उन्होंने कहा कि धारा 370 राज्य के लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है और वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
मंत्रियों ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर को कभी भारत आने में मदद नहीं की। उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 लागू होने से पहले, जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा था।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मीर फैयाज और नजीर अहमद लवे को राष्ट्रीय संविधान की प्रति फाड़ने की कोशिश के बाद सदन छोड़ने को कहा।
